लक्ष्य को हर हाल मे पाना है! Lakshya poem in Hindi
October 09, 2023
lakshya poem in Hindi
लक्ष्य को हर हाल मे पाना है
चल उठ आगे बढ़ ,
चल उठ आगे बढ़ ,
तुझे कुछ करके दिखाना है ।
रख हौसला मेरे दोस्त क्योंकि
लक्ष्य को हर हाल मे पाना है
Hindi poem on lakshaya |
ना किसी से डरना है ,ना किसी को डराना है ।
बस तुझे आगे बढ़ते जाना है ।
गिर गये तो क्या हुआ ,फ़िर से कोशिश करो क्योंकि
लक्ष्य को हर हाल मे पाना है ।
ना भागना है ,ना रुकना है ।
ना तुझे भागना है , ना ही तुझे रुकना है ।
तुझे बस चलते ही जाना है ,
आज हार गये तो क्या हुआ ,
फ़िर भी तुझे लक्ष्य को हर हाल मे पाना है ।
लोग क्या कहेगे ,ये तो सिर्फ एक बहाना है ,
लोग क्या कहेगे ,ये तो सिर्फ एक बहाना है ।
सिर्फ तू ही है वो इन्सान ,
जिसने लोगो को कुछ करके दिखाना है ,
हिम्मत है तो कुछ कर जा क्योंकि
लक्ष्य को हर हाल मे पाना है ।
रास्ते मे एक नही ,बहुत तूफान आयेंगे ,
रास्ते मे एक नही ,बहुत तूफान आयेंगे ।
जिन्दगी के मायने भी तुझे फ़िर समझ मे आयेंगे ।
तुझे इन तुफानो से नही घबराना है ।
जो तू करना चाहता है उसे अच्छे से कर
और करते ही जाना है क्योंकि
लक्ष्य को हर हाल मे पाना है ।
लोग अच्छे भी आयेंगे और बुरे भी आयेंगे ,
हमेशा याद रखो लोग अच्छे भी आयेंगे और बुरे भी आयेंगे ।
लोगो कि बातो को दिल पे नही लगाना है ,
किसी दिन तो अपना भी सपना सच होगा ,
क्योंकि जो सपना है देखा ,
उसे हर हाल मे पाना है ।
संघर्ष करने वालो की कभी हार नही होती ,
ऐसा महान लोगो का कहना है ।
तू ही है अपनी dreamlife का वो struggler ,
जिसे लोगो को यह दिखलाना है ,
कि मेरे ऊपर हज़ार मुशकिले भी आये ,
फ़िर भी मुझे लक्ष्य को पाना है ।
lakshya poem in hindi
दिल टूटेगा हज़ार वार ,
लोग पीछे छूटेगे वार -वार ,
दिल के टूटने से नही घबराना है ।
अपने दिल को हर वार यही समझाना है ,
लोग जाते है जाने दो क्या फर्क पड़ता है ,
मुझे तो अकेले ही अपने सपने को सच करके दिखाना है ।
बुरे से बुरे दिन भी आयेंगे ,
खाली जेबें तेरी तुझे खूब रूलायेगे ,
तेरे अपने भी तेरा साथ छोड़ जायेगे ।
रोते -रोते ही सही ,तुझे कुछ करके दिखाना है ।
क्योंकि तुझे अकेले ही आगे बढ़कर अपने लक्ष्य को पाना है ।
जिन्दगी बहुत ही आसान है ,
जिन्दगी बहुत ही आसान है ।
बस मुश्किलो से नही घबराना है ।
एक ऐसा नज़रिया बनाना है ,
कि तेरा दिल तुझसे कहे कि
मुझे तो हँसते -हँसते अपने लक्ष्य को पाना है ।
मंजिल ने तो एक दिन मिल ही जाना है ,
मंजिल पर तो एक दिन पहुँच ही जाना है ,
क्या कोई रोक पाया है किसी को
लोगो ने भी आपके आगे सिर झुकाना है ,
तब बस यही बात को दोहराना है ।
लक्ष्य को तो मैने उसी दिन पा लिया था ,
लक्ष्य को तो मैने उसी दिन पा लिया था ,
जिस दिन मेरे दिल ने ठान लिया कि
लक्ष्य को तो हर हाल मे पाना है ।
lakshya poem in Hindi
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