क्या फर्क पड़ता है ? Motivational Hindi Poem About Life!

Motivational Hindi poem about Life.

जीवन मे प्रेरणा देने वाली छोटी कविता जो कि विशाल जी द्वारा लिखी गयी है । एक बार ज़रूर पड़े ।

  क्या फर्क पड़ता है ? 

Motivational Hindi Poem About Life!

Motivational Hindi Poem About Life!

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कोई सब कहे, कोई चुप रहे,
तो कोई छाँव, कोई धूप सहे,
कोई रहे न रहे,
क्या फर्क पड़ता है?

कोई खुद रोए, फिर भी हँसाए,
कोई हँसते-हँसते रो जाए,
चाहे वो रहे या खो जाए,
क्या फर्क पड़ता है?

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कोई ख्वाब दिखाए, कोई लोरी गाए,
तो कोई गहरी नींद से जगाए,
कोई पास बुलाए, दूर भगाए,
क्या फर्क पड़ता है?

कोई प्यारा अपना बन जाए,
तो कोई हकीकत बस सपना बन जाए,
कोई कितना भी अपनापन दिखाए,
क्या फर्क पड़ता है?

कोई चाहे कितना भी अलग हो,
कोई समझ ही न पाए,
अगर आंटे के साथ घुन भी पीस जाए,
क्या फर्क पड़ता है?

दिए बुझ रहे हों हर पल के साथ,
बीत रहा हो आज, और कोई जिए कल के साथ,
फिर वो कल बीता हुआ हो, या आने वाला,
क्या फर्क पड़ता है?

मैं खुद ही ये न समझूँ,
बस यूँ ही कहता रहूँ,
कि, “क्या फर्क पड़ता है,
तो क्या फर्क पड़ता है?- 

छोटी कविता
Written by - विशाल शाहदेव

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