चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों - The Last One

टूटे मकान इक बार जो गिर गए, वैसे बनते कहा है |

मेरी आखिरी पोस्ट है और इसके बाद इस साइट को Let go करने का समय आ गया है | ये वेबसाइट का  2017 से 2024 तक का सफर मेरे लिए बहुत अच्छा था, इन 8 सालो में बहुत सी यादे जुड़ी हुई है ! इस बार कोई बात नहीं करने वाला, न ही कुछ बताने वाला हु ! बस एक खूबसूरत मोड़ देकर कुछ Let go करना चाहता हु और कुछ शेयर करना चाहता हु!

चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जाये हम दोनो

ना मैं तुम से कोई उम्मीद रखू दिल-नवाज़ी की

न तुम मेरी तरफ देखो, ग़लत-अंदाज़ नज़रों से

न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाये मेरी बातों से

ना जाहीर हो तुम्हारी कश्मकश का राज नज़रों से


तुम्हें भी कोई उलझन रोकती हैं पेश-क़दमी से

मुझे भी लोग कहते हैं की ये जल्वे पराये हैं

मेरे हमराह भी रुसवाईयाँ हैं मेरे माझी की

तुम्हारे साथ भी गुज़री हुई रातों के साये हैं


तारूफ रोग हो जाये, तो उसको भूलना बेहतर

ताल्लुक बोझ बन जाये तो उसको तोड़ना अच्छा

वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन

उसे एक खूबसूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा


चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों