उम्मिद- heart touching motivational story in hindi
आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है heart touching motivational story in hindi. जिसे पढ़ने के बाद आप अच्छा महसूस करेंगे !
तो हल्की सी मुकुराहट देते, हुए उसने खुद से वादा किया कि अब मैं आगे बढ़ऊगा,
यु सुबह की पहली किरण का हाथ थामे वो एक नई उम्मीद सी लेकर आगे बढ़ गया!
यु अधेरी रातो मे बैठे - बैठे वो यही सोचा करता था की शायद इन रातो मे कुछ सवाल अभी बाकी है ! शायद कुछ अधूरी heart touching, बाते है जो ये बताना चाहती है है, जो ये जिंदगी जानना चाहती है !
तो चलो आज accept कर ही लिया जाए की वो अफसाना क्या है !
जो वापिस लाना मुमकिन ही ना हो, उन्हें छोड़ देना ही बेहतर है,कुछ लम्हें जी कर ही पता लगता है कि वो कितने खूबसूरत होते है ! शिकायत किसी भी इंसान की, किसी भी इंसान से, किसी भी चीज को लेकर नहीं होती ! बस कुछ अधूरे ख्वाब होते है, जो रात के अंधेरे मे दम तोड़ रहे होते है !
तो चलो कुछ सवाल है जो आज खुद से पूछते है, दुसरो से बहुत कह लिया, कुछ बाते है जो खुद से कहते है ! कितनो का कंधा बने है, एक कंधा खुद के सपनो को भी देते है ! क्या फर्क पड़ता है, जो खोना था, शायद वो बहुत समय पहले ही खो दिया! ज़ब खोने के लिए अब कुछ बचा ही नहीं तो किस बात की चिंता कर रहे हो!
एक सुबह खुद के लिए लिखो और एक शाम खुद की बाहो मे बिता कर देखो, क्या पता ज़िन्दगी के कुछ मायने समझ मे आने लगे!
यु थक से गए हो दुसरो को हसाते -हसाते, शायद उस नन्ही मुस्कान को खुद भी हसने की जरूरत है , तो एक कोशिश करो खुद से ये सवाल पूछने की, कि क्या मुझे प्यार है ! क्या मुझे सचमुच प्यार है उस शख्स से, उस परछाई से जो हर पल मेरे साथ रहती है, जो कब्र तक मेरे साथ जायगी!
तो पलट कर अगर वापिस हाँ मे जवाब आये तो यु समझ लेना कि शायद उम्मीद की वो रोशनी अभी खोयी नहीं है ! वो मुस्कुराता चेहरा अभी मुरझाया नहीं है!
पता है हम चलते बहुत है, दिन भर बस चलते - भागते रहते है, क्योंकि दुनिया ने हाथ पकड़ कर चलना तो बहुत सिखाया, लेकिन रुकना ठहरना ये दुनिया सिखाना ही भूल गयी! ज़ब कभी चलने की हिम्मत ना हो तो रुक कर देखो, उन ठहरे हुए लम्हो को,, भागना तो सब को आता है,, कैसे ठहरते है, शायद ये समझना भी जरूरी है!
ज़ब भी हसने का मन करे तो एक बच्चा बन जाओ, समझदार तो शायद यहां हर एक शख्स है, कुछ समझ भरी नासमझी भी तो सीखनी जरूरी है !
ज़ब भी किसी को रोता देखो एक तकिया बन जाओ, कंधे तो बहुत है, एक रोते हुए के लिए, लेकिन एक तकिया चाहिए जिस पर वो आराम से सिर रख कर रो सके!
You Know अगर हम खुद के दोस्त बन जाए, तो शायद काफी कुछ बदल जाएगा ! अपने सूना होगा कि कुछ लोग खुद से बाते करते रहते है, खुद मे ही बड़बड़ते रहते है, लोग मजाक मजाक मे उन्हें कभी पागल कह देते है, लेकिन सोचने की बात ये है कि क्या वो सचमे पागल होते है,
जैसा कि लोगो को लगता है, क्या खुद से बाते करना सचमे पागल होना है,, क्लास के कोने मे बैठा वो बच्चा, बस की भीड़ मे खड़ा को शख्स, job interview मे Chair पर बैठा वो candidate, क्या वो सभी खुद से बाते नहीं करते!
समय के साथ साथ सब ठीक हो जाता है, जैसी भी कहानी हो, जैसे भी मोड़ हो! कुछ हाथ ऐसे है, जो आपके हाथों का इंतजार कर रहे है, कुछ आँखे है जो सफर मे आपकी तलाश कर रही है,कुछ लम्हें है जो आपके इस सुहाने सफर मे खुद की दास्ताँ लिखना चाहते है !
ती क्यों ना किसी नन्ही आँखो का ख्वाब बना जाए, इस लम्हें को जी भर के जिया जाए! मम्मी - पापा के वो हस्ते चेहरे, दोस्तों की वो प्यारी सी नोक - झोक, अपने Love One की वो प्यार भरी बाते, उन्हें हसकर गले लगाया जाए, क्या पता कल हो ना हो, क्या पता! वो लम्हें आखरी लम्हें हो! क्या पता हम उन सभी को आखरी बार देख रहे हो!
अंत मे मै अपनी बात कुछ इस तरह रखना चाहुँगा,
यु जी ले आज के वो सारे लम्हें,
कल किसने देखना है!
खुशियों के चंद पलो की तारीख आगे बड़ाई नहीं जाती,
क्योंकि कुछ लम्हें जिंदगी मे दोबारा पलट कर वापिस नहीं आते! ये थी हमरी motivational story in hindi! आप बताये आपको ये कैसे लगी ?
Yuvin Kalotiya
