आखिर क्यों रहते है हम बिना नशा किये हुए भी नशे मे ! Auto-Brewery Syndrome in Hindi |

 आज के समय में कई तरहों की बीमारियों का खतरा रहता है। Auto brewery syndrome in hindi आज इस लेख के माध्यम से हम आपको एक ऐसी बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें व्यक्ति की सोचने- समझने की शक्ति खत्म हो जाती है और उस व्यक्ति को देखकर ऐसा लगता है मानो वो व्यक्ति नशे में हो। अगर कोई व्यक्ति बिना नशे के भी नशे में लग रहा है तो हो सकता है वो इस बीमारी का शिकार हो।

Auto brewery syndrome in hindi

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ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम ( what is Auto-Brewery Syndrome in hindi ) क्या है?

इस सिंड्रोम से पीड़ित लोगों के शरीर में सामान्य खाना खाने पर भी औसतन से कहीं ज्यादा मात्रा में यीस्ट पैदा होता है। यह छोटी आंत में इकट्ठा हो जाता है और जहां यह एल्कोहॉल में बदल जाता है। यहां से यह सीधा खून में मिल जाता है। इसी कारण खून की जांच करने पर शरीर में एल्कोहॉल की मात्रा अधिक पाई जाती है। इस सिंड्रोम को गट फरमेंटेशन सिंड्रोम (Gut Fermentation Syndrome) भी कहा जाता है यानि इस अवस्था को दो नामों से जाना जाता है। यह एक दुर्लभ समस्या है लेकिन जिन्हें भी यह समस्या होती है वे उसी तरह महसूस करते हैं जैसे शराब पीने के बाद कोई करता है। 

ncbi.nlm.nih.gov पर प्रकशित एक लेख के अनुसार, ऑटो ब्रीवेरी सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति अपना मानसिक और शारीरिक संतुलन खो बैठता है। उसी अपनी सुध नहीं रह पाती है। मानो ऐसा लगता है कि उसने ड्रिंक कर रखी है। पीड़ित व्यक्ति को हैंगओवर जैसा फील होता है और वह नशे में धुत रहता है।

ऑटो ब्रीवरी सिंड्रोम- ये वो बीमारी है, जिसमें व्यक्ति के शरीर में खुद ही ऐल्कोहल बनने लगता है। इसे गट फर्मेंटेशन सिंड्रोम भी कहते है। इस बीमारी में जब गैस्ट्रोइंटेस्टिनल यीस्ट सामान्य भोजन से मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट को एथेनॉल में बदलने लगता है, तक शरीर में शराब का स्‍तर बढ़ने लगता है।

इस बीमारी को ऑटो ब्रीवेरी सिंड्रोम कहा जाता है। ऑटो ब्रीवेरी सिंड्रोम की समस्या में व्यक्ति हर समय नशे में रहता है। इस बीमारी की वजह से व्यक्ति के सोचने और समझने की शक्ति खत्म हो जाती है।

व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक संतुलन खो जाता है। ऑटो ब्रीवेरी सिंड्रोम में व्यक्ति को अपनी होश नहीं रहती है।

हैंगओवर जैसा अनुभव होता है

ऑटो ब्रीवेरी सिंड्रोम की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को हैंगओवर जैसा अनुभव होता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति उन चीजों को खाना पसंद करता है, जिनसे हैंगओवर में आराम मिल सकता है।

कार्बोहाइड्रेट से शरीर में अल्कोहल उत्सर्जन की वजह से होती है ये समस्या

एक रिसर्च के अनुसार ऑटो ब्रीवेरी सिंड्रोम की समस्या कार्बोहाइड्रेट से शरीर में अल्कोहल उत्सर्जन की वजह से होती है। इस शोध के अनुसार धीरे- धीरे ये व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में लेने लगता है और फिर व्यक्ति नशे में आ जाता है |

दोस्तों कुछ समय पहले ही मुझे मालुम हुआ कि मै खुद इस बीमारी से ग्रस्त था | बिना alcoholic हुए ज़ब मुझे अचानक रात को खाना खाने के बाद hangover होने लगा, तब मेरे parents ने मुझे बताया कि तुम्हारी हरकते और आँखे रात को ऐसी हो जाती है, जैसे तुमने पी रखी हो, पर उनको ये भी मालूम था कि ये मेरे शरीर मे नेचुरल होने वाली परिक्रिया है | सो इसी उत्सुकता मे मैंने इसके ऊपर research की और तब मुझे मालुम हुआ कि आखिर क्यों इतने सालो से मुझे ऐसा महसूस होता था |

कैसे किया जाए इसका इलाज 

 ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम का इलाज संभव है। इसके लिए आपको अपने डॉक्टर को दिखाना होगा। आपके डॉक्टर कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करने के लिए कह सकते हैं। इसके साथ ही क्रोहन डिजीज जैसी बीमारी का भी इलाज किया जाता है, ताकि आपके गट में फंगस का बैलेंस बना रहे। इसके लिए आपके डॉक्टर आपको एंटीफंगल दवाएं दे सकते हैं। एंटीफंगल ड्रग्स और अन्य दवाएं ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम को ठीक करने में मददगार होती हैं, जैसे : 

  • फ्लूकोनाजोल
  • नाइस्टैटिन
  • ओरल एंटीफंगल कीमोथेरिपी
  • एसिडोफाइलस टैबलेट्स

इन दवाओं के साथ-साथ आपको न्यूट्रिशनल चेंजेस भी करने होंगे, यानी कि आपको एंटीफंगल दवाओं के साथ निम्न चीजों को नहीं खाना है : 

  • शुगर
  • कार्बोहाइड्रेट्स
  • एल्कोहॉल

ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम से बचने के लिए आपको अपने डायट में भी बदलाव लाना होगा। अपने पेट के फंगस को बैलेंस करने के लिए आपको लो कार्बोहाइड्रेट डायट लेना होगा। निम्न फूड्स को ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम में न लें :

  • कॉर्न सिरप
  • व्हाइट ब्रेड और पास्ता
  • हाई फ्रक्टोस कॉर्न सिरप
  • व्हाइट राइस
  • व्हाइट फ्लोर
  • आलू के चिप्स
  • शक्कर से बने ड्रिंक्स, जिसमें ग्लूकोज, फ्रक्टोज, डेक्सट्रोज, माल्टोज, लेवुलोस को अवॉयड करें
  • फ्रूट जूस

आप निम्न चीजों को ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम में खा सकते हैं :

  • साबूत अनाज और पास्ता
  • ब्राउन राइस
  • ताजी पकी सब्जियां
  • ड्राई फ्रूट्स
  • ओट्स
  • जौ
  • ब्रान
  • मूंग दाल
  • किनोवा

Note: Auto-Brewery Syndrome in Hindi किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। 


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